Friday, July 7, 2023

टेक्सटाइल प्रिंटिंग के लिए प्रमुखता से प्रयुक्त होने वाली विभिन्न तकनीकों और उनमें उपयोग किये जाने वाले रसायनों पर टिप्पणी लिखें ?

1. स्क्रीन प्रिंटिंग:

स्क्रीन प्रिंटिंग टेक्सटाइल प्रिंटिंग की एक प्रमुख तकनीक है, जिसमें छपाई के लिए एक स्क्रीन का उपयोग किया जाता है। यहां रंग को टेक्सटाइल पर छापने के लिए अलग-अलग रंगों के छपाई रसायनों का उपयोग किया जाता है। इसमें कुछ उदाहरण शामिल हैं:

- पिगमेंट द्वारा रंग छापना: जैसे कि प्राइमर और फ़्लोरेसेंट पिगमेंट।

- रंग के लिए डायरेक्ट और रियाक्टिव द्वारा रंग छापना।

- द्विआयामी छापाई के लिए प्लास्टिसॉल रंग उपयोग करना।

स्क्रीन प्रिंटिंग टेक्सटाइल प्रिंटिंग की एक प्रमुख तकनीक है, जिसमें एक स्क्रीन का उपयोग किया जाता है जिस पर छापाई के लिए डिजाइन तैयार किया जाता है। नीचे दी गई है, स्क्रीन प्रिंटिंग की प्रक्रिया, रंग और प्रिंटिंग के पूर्व और पश्चात की जानी प्रक्रियाएं:

प्रिटिंग की पूर्व-प्रक्रिया:

1. डिजाइन तैयारी: स्क्रीन प्रिंटिंग की प्रक्रिया शुरू होती है डिजाइन तैयारी के साथ। डिजाइन को कंप्यूटर या हस्तलिखित तकनीकों का उपयोग करके तैयार किया जाता है। डिजाइन को प्रिंटिंग के लिए मास्टर बनाने के लिए उपयोग किया जाता है।


2. स्क्रीन तैयारी: एक स्क्रीन बनाने के लिए, एक मेश स्क्रीन को चुना जाता है। स्क्रीन में एक वस्त्र या मेटल मेश होता है, जिसमें छोटी छोटी खिड़कियों का पैटर्न होता है जो रंग को पास करने के लिए उपयोग होता है। मेश को एक रंग को छाने वाले फ्रेम में तंबा या वुडेन स्क्रीन तंबे में बांधा जाता है।

3. एक्सपोजर: स्क्रीन को एक्सपोजर मशीन में रखा जाता है, जहां एक विशेष प्रकाश स्रोत के नीचे इसे रखा जाता है। डिजाइन के अंशों पर प्रकाश डालकर उन्हें स्क्रीन पर समायोजित किया जाता है। इसके परिणामस्वरूप, एक पोजिटिव या नेगेटिव छवि बनती है जो मेश की खिड़कियों में छापाई क्षेत्र के बादल के रूप में दिखती है।


प्रिंटिंग की प्रक्रिया:

1. रंग प्रिंटिंग: स्क्रीन को रंग के साथ तैयार किया जाता है। रंग को स्क्रीन के शीर्षिका पर डाला जाता है और फिर डॉक बार जैसी स्क्रैपर उपयोग करके रंग को स्क्रीन के नीचे छापने के लिए धकेला जाता है। मेश के खिड़कियों के माध्यम से, रंग वस्त्र पर छापता है और डिजाइन के हिसाब से छपाई का पैटर्न बनता है।


2. रंग की सुधार: जब एक रंग की प्रिंटिंग पूरी हो जाती है, तो स्क्रीन को साफ़ किया जाता है और अगले रंग के लिए तैयार किया जाता है। इसके लिए धुलाई या रंग हटाने वाले रसायनों का उपयोग किया जाता है जो स्क्रीन के ऊपर के रंग को साफ़ करते हैं ताकि नये रंग की प्रिंटिंग के लिए तैयार हो सके। यह प्रक्रिया सभी रंगों के लिए दोहराई जाती है जब तक कि छापाई की पूरी प्रक्रिया समाप्त न हो जाए।


प्रिंटिंग के पश्चात की जानी प्रक्रियाएं:

1. सेटिंग और फिक्सिंग: छापाई के बाद, वस्त्र को सेटिंग मशीन में जाता है, जहां वस्त्र पर छापे गए रंग को सुखाने और सेट करने के लिए गर्म और ध्यात वायु द्वारा धुलाया जाता है। इस प्रक्रिया को फिक्सिंग कहा जाता है और इससे छापाई का स्थायित्व बढ़ता है।


2. पकीबांधी: छापाई की प्रक्रिया के बाद, वस्त्र को पकीबांधी मशीन में जाता है, जहां वस्त्र को ऊनी से धोकर ताजगी दी जाती है। यह प्रक्रिया वस्त्र को सजावटी, मुलायम और आकर्षक बनाने में मदद करती है।


3. धुलाई और अंदरूनी सुधार: छापाई की अंतिम प्रक्रिया में, वस्त्र को धो लिया जाता है ताकि अवशेष रंग हटा जाएं और स्क्रीन प्रिंटिंग की अच्छी गुणवत्ता की सुनिश्चितता हो। इसके बाद, वस्त्र को उच्च तापमान और दबाव के माध्यम से सुखाया जाता है।


इन प्रक्रियाओं के बाद, छपाई पूरी होती है और वस्त्र पूर्ण रूप से उपयोग के लिए तैयार हो जाता है। स्क्रीन प्रिंटिंग प्रक्रिया में विभिन्न प्रकार के रंग रसायनों का उपयोग किया जाता है, जैसे पिगमेंट रंग, रियाक्टिव रंग, और प्लास्टिसॉल रंग, जो वस्त्र की आवश्यकताओं और छापाई की गुणवत्ता पर निर्भर करते हैं।


2. हीट ट्रांसफर प्रिंटिंग:

हीट ट्रांसफर प्रिंटिंग में, एक चढ़ाई या पेपर सतह पर रंग का छापा तैयार किया जाता है और फिर वस्त्र के सतह पर गर्मी और दबाव के माध्यम से छापा जाता है। यहां उदाहरण शामिल हैं:

- सब्लिमेशन प्रिंटिंग: इसमें, रंग सब्लिमेशन रसायनों का उपयोग करके पहले एक विशेष पेपर पर छापा जाता है, और फिर वस्त्र के साथ उच्च तापमान और दबाव के लिए इसे गर्मियां छापने के लिए इस्तेमाल किया जाता है।

- विनाइल छपाई: इसमें विनाइल रसायनों का उपयोग किया जाता है जो गर्मी और दबाव के माध्यम से वस्त्र पर छापे जाते हैं।


हीट ट्रांसफर प्रिंटिंग एक तकनीक है जिसमें रंग एक चढ़ाई या पेपर सतह पर छापा जाता है और फिर गर्मी और दबाव के माध्यम से इसे कपड़ों पर छापने के लिए ट्रांसफर किया जाता है। यह छपाई तकनीक उत्पादों पर विभिन्न रंग और डिजाइन को छापने के लिए उपयोग होती है। नीचे दिए गए हैं, हीट ट्रांसफर प्रिंटिंग की प्रक्रिया, प्रयुक्त रंगों और रासायनिक प्रक्रियाओं का विस्तार से वर्णन:


प्रक्रिया:

1. डिजाइन तैयारी: पहले, छपाई के लिए डिजाइन को तैयार किया जाता है। डिजाइन कंप्यूटर या विशेष सॉफ्टवेयर के माध्यम से तैयार किया जाता है। डिजाइन में रंग, मोटीफ्स, या छवियाँ शामिल हो सकती हैं।

2. छपाई तैयारी: इस प्रक्रिया में, छपाई के लिए एक चढ़ाई या पेपर सतह तैयार की जाती है। यह चढ़ाई या पेपर छापाई के लिए विशेष रंग को संग्रहित करने के लिए उपयोग होती है।

3. रंग छापना: चढ़ाई या पेपर सतह पर छपे गए रंग को ट्रांसफर करने के लिए वस्त्र के साथ गर्मी और दबाव का इस्तेमाल किया जाता है। यहां उदाहरण शामिल हैं:


- सब्लिमेशन प्रिंटिंग: 

इसमें, रंग सब्लिमेशन रसायनों का उपयोग करके पहले एक विशेष पेपर पर छापा जाता है, और फिर वस्त्र के साथ उच्च तापमान और दबाव के लिए इसे गर्मियां छापने के लिए इस्तेमाल किया जाता है।

- विनाइल छपाई: इसमें विनाइल रसायनों का उपयोग किया जाता है जो गर्मी और दबाव के माध्यम से वस्त्र पर छापे जाते हैं।

प्रयुक्त रंगों और रासायनिक प्रक्रियाओं के उदाहरण:

सब्लिमेशन प्रिंटिंग के लिए:

- सब्लिमेशन रसायन: इस प्रिंटिंग प्रक्रिया में, सब्लिमेशन रसायनों का उपयोग किया जाता है जो वस्त्र की सतह में प्रविष्ट होते हैं और उच्च तापमान पर गैस की रूप में परिवर्तित हो जाते हैं। इससे रंग वस्त्र के अंदर प्रविष्ट हो जाता है और वस्त्र की सतह पर चित्र बनता है।


विनाइल छपाई के लिए:

- विनाइल रंग: विनाइल छपाई में, विभिन्न विनाइल रंग का उपयोग किया जाता है जो वस्त्र की सतह पर छापाई के लिए उपयुक्त होते हैं। इन रंगों का चयन डिजाइन और उत्पाद की आवश्यकताओं के आधार पर किया जाता है।

इन रंगों और रासायनिक प्रक्रियाओं के द्वारा हीट ट्रांसफर प्रिंटिंग का उपयोग करके वस्त्रों पर रंगचित्र किया जाता है। इस प्रक्रिया में, डिजाइन को पहले एक चढ़ाई या पेपर सतह पर छापा जाता है और फिर उच्च तापमान और दबाव के माध्यम से यह रंग वस्त्र की सतह पर ट्रांसफर किया जाता है। इस प्रक्रिया से वस्त्र पर विविध रंगीन और विस्तृत डिजाइन बनाए जा सकते हैं।


3. डायरेक्ट टू गारमेंट (DTG) प्रिंटिंग:

DTG प्रिंटिंग में, डिजाइन को सीधे टेक्सटाइल पर छापने के लिए विशेष डिजिटल प्रिंटर का उपयोग किया जाता है। इस तकनीक में वस्त्र पर रंग को ट्रांसफर करने के लिए विभिन्न रंग रसायनों का उपयोग किया जाता है।

डायरेक्ट टू गारमेंट (DTG) प्रिंटिंग एक तकनीक है जिसमें वस्त्र पर छपाई करने के लिए एक विशेष डिजिटल प्रिंटर का उपयोग किया जाता है। इस तकनीक में रंग को ट्रांसफर करने के लिए विभिन्न रंग रसायनों का उपयोग किया जाता है। 

DTG प्रिंटिंग की प्रक्रिया और इसमें प्रयुक्त रंगों और रसायनों के नाम:

प्रक्रिया:

1. डिजाइन तैयारी: सबसे पहले, वस्त्र पर छापाई के लिए डिजाइन तैयार किया जाता है। डिजाइन को कंप्यूटरीकृत डिजाइन सॉफ्टवेयर का उपयोग करके या डिजिटल इमेज को प्रिंट करके तैयार किया जाता है।


2. वस्त्र की तैयारी: वस्त्र की सतह को तैयार किया जाता है ताकि उसमें रंग का अच्छा अड़ंगा हो। इसमें प्री-ट्रीटमेंट प्रक्रिया शामिल हो सकती है जिसमें वस्त्र को धोकर, उच्च तापमान और दबाव के माध्यम से रंग को सुसंगत बनाने के लिए तैयार किया जाता है।


3. डिजिटल प्रिंटिंग: वस्त्र के साथ डिजिटल प्रिंटर का उपयोग करके रंग छापा जाता है। डिजिटल प्रिंटर द्वारा वस्त्र की सतह पर रंग की छापाई तैयार की जाती है, जिसमें डिजाइन के आधार पर विविध रंग और छवियाँ दिखती हैं।


4. फिक्सिंग: छापाई के बाद, रंग को फिक्स किया जाता है ताकि यह वस्त्र के साथ स्थायी रहे। इसके लिए गर्मी और दबाव का उपयोग किया जाता है, जिससे रंग सतह में पेनेट्रेट करता है और फिक्स हो जाता है।


प्रयुक्त रंगों और रसायनों के नाम:


DTG प्रिंटिंग में विभिन्न प्रकार के रंग और रसायनों का उपयोग किया जाता है। निम्नलिखित रंगों और रसायनों का उपयोग होता है:


1. डायरेक्ट रेक्टिव रंग: यह रंग रसायन का उपयोग करके डायरेक्ट टू गारमेंट प्रिंटिंग में इस्तेमाल किया जाता है। ये रंग वस्त्र के सतह में पेनेट्रेट करते हैं और उच्च तापमान और दबाव के माध्यम से रंग को फिक्स करते हैं।


2. पिगमेंट रंग: पिगमेंट रंग भी डायरेक्ट टू गारमेंट प्रिंटिंग के लिए प्रयुक्त होते हैं। ये रंग वस्त्र के सतह पर बने रहते हैं और उच्च तापमान और दबाव के माध्यम से फिक्स होते हैं।


3. डिस्चार्ज रंग: इस प्रकार के रंग में रेसिस्टेंट रसायन का उपयोग किया जाता है जो वस्त्र के साथ डिस्चार्ज रिएक्शन करते हैं। इससे वस्त्र की सतह पर जीवंत और टेक्सचर्ड छवियाँ बनाई जाती हैं।

डिस्चार्ज रंग विभिन्न प्रकार के डिस्चार्ज रसायनों का उपयोग करके बनाए जाते हैं। ये रसायन वस्त्र की सतह पर रिएक्ट करते हैं और वस्त्र को रसायनिक अचारीयता ( dischargablitity) प्रदान करते हैं, जिससे वस्त्र पर छाप बनाना संभव हो पाता है । यहां कुछ प्रमुख डिस्चार्ज रंगों के उदाहरण हैं:


1. रिएक्टिव डायरेक्ट: यह रंग रिएक्टिव डायरेक्ट रसायन का उपयोग करके बनाया जाता है। ये रंग वस्त्र की सतह पर रिएक्ट होते हैं और उच्च तापमान और रसायनिक प्रक्रियाओं के माध्यम से फिक्स हो जाते हैं।

2. डिस्चार्ज: डिस्चार्ज रंगों को डिस्चार्ज रसायन का उपयोग करके बनाया जाता है। ये रंग वस्त्र की सतह से रंग को हटा देते हैं और छापाई के रूप में वस्त्र पर प्रकट होते हैं।

3. अस्थायी रिजिस्टर डायरेक्ट: अस्थायी रिजिस्टर डायरेक्ट रंग रिएक्टिव रंग और एसिड रसायन का मिश्रण होता है। ये रंग वस्त्र की सतह पर अस्थायी छापाई बनाते हैं जो धुलने के बाद हट जाती है।

4. अस्थायी थर्मोच्रोमिक: अस्थायी थर्मोच्रोमिक रंग उच्च तापमान पर परिवर्तित होने वाले रसायनों का उपयोग करके बनाया जाता है। ये रंग वस्त्र की सतह पर तापमान के प्रभाव से बदल जाते हैं और अस्थायी छापाई बनाते हैं।